इश्के इम्तहां में कोई कसूर न हो
हो कबूल जहान, बागी कोई दस्तूर न हो
खुशी से महके हर आँगन, प्यार ही प्यार हो बस कोई मजबूर न हो
तेरी याद हो इबादात कोई नासूर न हो
तेरी गली में आया हर आशिक बस मश्हूर न हो
इश्के इम्तहान में कोई कसूर न हो
हो कबूल जहान , बागी कोई दस्तूर न हो
ख़्वाबों की किताब के पन्नों में कोई सरुर न हो
रूठा सा टूटा हुआ दिल कोई दूर न हो
जिक्र हो इश्क़ का और तेरा नाम हज़ूर न हो
इश्के इम्तहान में कोई कसूर न हो
हो कबूल जहान बागी कोई दस्तूर न हो
हो कबूल जहान, बागी कोई दस्तूर न हो
खुशी से महके हर आँगन, प्यार ही प्यार हो बस कोई मजबूर न हो
तेरी याद हो इबादात कोई नासूर न हो
तेरी गली में आया हर आशिक बस मश्हूर न हो
इश्के इम्तहान में कोई कसूर न हो
हो कबूल जहान , बागी कोई दस्तूर न हो
ख़्वाबों की किताब के पन्नों में कोई सरुर न हो
रूठा सा टूटा हुआ दिल कोई दूर न हो
जिक्र हो इश्क़ का और तेरा नाम हज़ूर न हो
इश्के इम्तहान में कोई कसूर न हो
हो कबूल जहान बागी कोई दस्तूर न हो