Saturday, 30 March 2019

कुछ कुछ तेरे जैसा

जो बातें करने को जुबान लगती थी कभी.. . ..
आज नज़रों से रुबरु हो जाया करती है..
तेरी शोहबतों की रज़ा कुछ ऐसी है. ..
मुझे इल्म भी न था. ..
कि मेरी फ़ितरत कुछ कुछ तेरे जैसी है।। 

Thursday, 21 March 2019

तेरे इश्क़ में

 धीरे धीरे से तू जह्न में उतरा यूं है
मैं डूबा सा हूं या ठहरा सा हूं,  तेरे इश्क़ में।

नजरों की खता समझ या दिल का जुनून है ये
मैं उलझा सा हूं या सुलझा सा हूं,  तेरे इश्क़ में।

गलत क्या है सही क्या है,  ना आता है समझ
मैं बिगड़ा सा हूं या सुधरा सा हूं,  तेरे इश्क़ में।

ये रंग जो चढा है तेरा इश्क़ का मुझ पर
मेरा हर पल खिल उठा है, तेरे इश्क़ में। 

Tuesday, 5 February 2019

Zindagi ek Nasha...

Nasha hai zindagi ka..Har ek ahsas ka nasha h
Nasha h tere sath ka aur har ek baat ka nasha h
Nasha h us raat ka aur har ek nayi subah ka nasha h
Nasha h kuch pyar ka toh kuch mere yaar ka nasha hai
Yeah nashe mein Zindagi hai dost ...ya Zindagi ka nasha hai...